मर्केटर प्रोजेक्शन
प्रायोगिक भूगोल
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परिचय
मर्केटर प्रोजेक्शन एक विशिष्ट प्रकार का बेलनाकार मानचित्र प्रक्षेप है। कार्टोग्राफी के क्षेत्र में यह व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। 1569 में इसे फ्लेमिश (बेल्जियम) के कार्टोग्राफर जेरार्डस मर्केटर द्वारा विकसित किया गया था। यह एक सपाट सतह पर पृथ्वी की गोलाकार सतह के प्रदर्शन की सहूलियत देता है, जिसके परिणामस्वरूप इससे एक आयताकार मानचित्र होता है।
इस प्रक्षेप में कुछ अद्वितीय गुण और व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं जिसके कारण वर्षों से इसका उपयोग किया जाता है और आज भी इसकी लोकप्रियता बहुत अधिक है।
---------- विशेषताएँ ----------
मर्केटर प्रक्षेप एक बेलनाकार मानचित्र प्रक्षेप (मैप प्रोजेक्शन) है। इस प्रक्षेप में अक्षांश (समानांतर रेखाएँ) और मेरिडियन या मध्याह्न (देशांतर की रेखाएँ) एक आयताकार ग्रिड बनाते हैं जो मानचित्र निर्माण में सहायता करता है।
बेलनाकार प्रक्षेप :
इस प्रक्षेप में पृथ्वी को एक सिलेंडर पर प्रोजेक्ट किया जाता है जिसमें भूमध्य रेखा को एक सीधी रेखा के रूप में प्रदर्शित होता है। मर्केटर प्रोजेक्शन में, मेरिडियन अक्षांश और देशांतर रेखाओं को समान दूरी वाली सीधी रेखाओं के रूप में दर्शाया जाता है।
अनुरूप या समरूप प्रक्षेप :
मर्केटर प्रोजेक्शन एक अनुरूप या समरूप प्रक्षेप है जिसमें, भूमध्य रेखा के पास की आकृतियाँ सटीक रहती हैं, लेकिन ध्रुवों की ओर विकृति बढ़ जाती है। मर्केटर प्रक्षेप अक्षांश और देशांतर रेखाओं के बीच के कोणों को संरक्षित करता है, जिससे यह नेविगेशन के लिए उपयुक्त हो जाता है।
स्केल या मापक (पैमाना) :
मर्केटर प्रोजेक्शन में स्केल किसी अक्षांश और देशांतर रेखाओं के साथ, विशेष रूप से निरंतरता वाले अक्षांश और देशांतर रेखाओं के साथ स्थिर रहता है। प्रक्षेप की यह विशेषता इसे दूरियों को मापने के लिए उपयोगी बनाता है।
विरूपण :
मरकेटर प्रोजेक्शन में, ध्रुवों के निकट के क्षेत्रों का आकार बहुत बढ़ा कर दिखाया गया होता है, जिससे उच्च अक्षांश वाले क्षेत्रों की आकृति में विकृति उत्पन्न हो जाती है। मर्केटर प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र पर ग्रीनलैंड अफ्रीका से बड़ा दिखाई देता है, भले ही अफ्रीका वास्तव में ग्रीनलैंड से 14 गुना बड़ा है।
नेविगेशन के अनुकूल :
मर्केटर प्रोजेक्शन में अक्षांश और देशांतर रेखाएं सीधी होती है और इस कारण से इस प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र दिशा की सही जानकारी देते हैं। सटीक दिशात्मक ज्ञान के आधार पर ये नेविगेशन की सुविधा प्रदान करते हैं। आरंभ से यह प्रक्षेप नाविकों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया गया था और अभी भी समुद्री चार्ट में इसका उपयोग होता है।
मर्केटर ग्रैटिकुल :
मर्केटर प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र पर ग्रिड सिस्टम में समान दूरी वाली अक्षांश और देशांतर रेखाएं होती हैं, जो एक आयताकार ग्रिड बनाती हैं। यह ग्रिड (ग्रैटिकुल) बिंदुओं का पता लगाने और दूरियों को मापने में सहायता करते हैं।
नेविगेशन के लिए इसकी उपयोगिता के बावजूद, मर्केटर प्रोजेक्शन में आकृति की विकृति के कारण कुछ सीमाएं हैं, जिसके कारण यह भूमि के वास्तविक आकार (विशेष रूप से उच्च अक्षांशों में) का प्रदर्शन करने के लिए कम उपयुक्त है।
----- उपयोग और अनुप्रयोग -----
मार्गदर्शन :
मर्केटर प्रक्षेप कोणों और सीधी रेखाओं को संरक्षित करता है, जिससे यह नौवहन के उद्देश्यों के लिए आदर्श बन जाता है। यह नाविकों को निरंतर कंपास बियरिंग्स का उपयोग करके सीधी दिशा की योजना बनाने में मदद करता है।
हवाई यात्रा :
मर्केटर प्रक्षेप हवाई मार्गों की योजना बनाने में भी उपयोगी है, क्योंकि यह दूरियों और बियरिंग्स का सटीक रूप से प्रदर्शन करता है। मर्केटर प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र पर सीधी रेखा खींचकर पायलट दो बिंदुओं के बीच सबसे छोटा रास्ता निर्धारित कर सकते हैं।
विश्व मानचित्र :
आमतौर पर दुनिया का मानचित्र बनाने के लिए मर्केटर प्रोजेक्शन का उपयोग किया जाता है। इसका आयताकार स्वरूप (आकार) और भूमध्य रेखा पर विरूपणमुक्त चित्रण इसे आकर्षक और उपयोगी बनाता है।
जी.आई.एस. अनुप्रयोग :
भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.) में बड़े पैमाने पर मर्केटर प्रोजेक्शन का उपयोग किया जाता है। यह स्थानिक डेटा को प्रदर्शित करने और विश्लेषण करने का एक उपयोगी माध्यम प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता एक सपाट सतह पर जानकारिओं को ओवरले कर सकते हैं और उनकी तुलना कर सकते हैं।
शैक्षिक उद्देश्य :
भूगोल के अध्ययन के लिए मर्केटर प्रोजेक्शन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसकी सरलता और सुगमता छात्रों को दुनिया के नक्शे और स्थानिक संबंधों को प्रभावी ढंग से आसानी से समझने में सक्षम बनाती है।
कुल मिलाकर, मर्केटर प्रोजेक्शन ने नेविगेशन, एविएशन, मैपिंग, जी.आई.एस. और शिक्षा में विविध अनुप्रयोगों हैं, जिससे यह विश्व को समझने और उसका प्रदर्शन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है।
निष्कर्ष:
अंत में, मर्केटर प्रोजेक्शन का व्यापक रूप से नेविगेशन अनुप्रयोगों, समुद्री चार्ट और विमानन चार्ट में उपयोग किया जाता है। यह नाविकों और पायलटों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है, जिन्हें अपनी यात्रा के लिए दिशा और दूरी के सटीक प्रदर्शन की आवश्यकता होती है। इस प्रोजेक्शन पर खिची गयी सीधी रेखाएं रूट प्लानिंग को आसान बनाती हैं और ईंधन की खपत और यात्रा के समय की कुशल गणना को आसान बनाती हैं।
इसके अलावा, मर्केटर के प्रोजेक्शन को अक्सर शैक्षिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। इसकी सरलता और सुगमता इसे बुनियादी भौगोलिक अवधारणाओं जैसे महाद्वीपों और महासागरों के लेआउट को समझने के लिए एक सुलभ विकल्प बनाती है। इस प्रक्षेपण का उपयोग करके छात्र आसानी पृथ्वी के सामान्य आकार को समझ सकते हैं, देशों की पहचान कर सकते हैं और अक्षांश और देशांतर की अवधारणा को समझ सकते हैं।
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