परिभाषाएं

मानव भूगोल

Index

मानव भूगोल परिभाषा

मानव भूगोल, मानव और उनके भौतिक वातावरण (पर्यावरण) के अंतरसंबंधों का अध्ययन है। यह मानव, स्थान (प्लेस) और पर्यावरण के बीच अंतर्संबंधों और उनके स्थानिक और कालिक (टेम्पोरल) भिन्नताओं का अध्ययन करता है। मनुष्य और उनके पर्यावरण के बीच संबंध कैसे समाजों और संस्कृतियों के वितरण और संगठन को आकार देते हैं, यह भी मानव भूगोल की विषय वस्तु है।

विगत वर्षों में, कई भूगोलवेत्ताओं ने मानव भूगोल को अपने-अपने दृष्टिकोण से परिभाषित करने का प्रयास किया है।

1 - फ्रेडरिक रैटजेल

19वीं शताब्दी के अंत में जर्मन भूगोलवेत्ता फ्रेडरिक रैटजेल द्वारा मानव भूगोल की प्रारंभिक परिभाषा प्रस्तावित की गई थी।

रैटजेल ने मानव भूगोल को मानव और भौतिक पर्यावरण के बीच संबंधों के अध्ययन के रूप में देखा। उन्होने मानव गतिविधियों और संस्कृतियों को स्वरूप (आकार) देने में पर्यावरणीय कारकों की भूमिका के अध्ययन पर जोर दिया।

Advertisement

2 - विडाल डी लॉ ब्लास

प्रसिद्ध फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता विडाल डी ला ब्लास ने मानव भूगोल के अध्ययक का एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। ब्लास अपनी संभावनावाद की अवधारणा के लिए जाने जाते हैं।

ब्लास के अनुसार, मानव भूगोल, मानव और उनके पर्यावरण के बीच के संबंधों का अध्ययन है। मानव अपने पर्यावरण के साथ कैसे समायोजन करता है और कैसे पर्यावरण को अपने लिए अनुकूल बनाता है, इसका अध्ययन मानव भूगोल के अंतर्गत किया जाता है।

विडाल डी ला ब्लास का मानना था कि मनुष्य के पास अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप अपने पर्यावरण को संवर्धित करने की क्षमता होती है। ब्लास का यह भी मानना था कि पर्यावरण मानव व्यवहार को निर्धारित नहीं करता है।

Advertisement

3 - कार्ल सॉवर

कार्ल सॉवर एक अमेरिकी भूगोलवेत्ता थे, जिन्होने मानव भूगोल की व्यापक व्यापक व्याख्या प्रस्तुत की।

मानव भूगोल की व्याख्या प्रस्तुत करते हुए प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता कार्ल सॉवर ने सांस्कृतिक परिदृश्य की संकल्पना प्रस्तुत की। सॉवर के अनुसार, मानव भूगोल सांस्कृतिक भूदृश्य का अध्ययन है, जो पर्यावरण पर मानव की छाप या इंप्रेसन के रूप में दृष्टिगोचर होता है।

उनका मानना था कि सांस्कृतिक भूदृश्य मानवीय क्रियाकलाप अथवा मानव की गतिविधियों का एक उत्पाद है। यह उन लोगों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति और उसके स्वरूप को दर्शाता है, जो इस भूक्षेत्र में रहते हैं।

सॉवर द्वारा प्रस्तुत मानव भूगोल की यह परिभाषा मानव और उनके पर्यावरण के बीच के संबंधों और मानव गतिविधि के भूदृश्य पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन पर जोर देती है।

Advertisement

4 - रिचर्ड हार्टशोर्न

अमेरिकी भूगोलवेत्ता रिचर्ड हार्टशोर्न स्थानिक विश्लेषण के क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

हार्टशोर्न के अनुसार, मानव भूगोल मानव गतिविधियों के स्थानिक संगठन का अध्ययन है। उनका मानना था कि मानव की गतिविधियां स्पेस (स्थान या क्षेत्र) में आयोजित होती है और यह स्थानिक संगठन इसमें रहने वाले लोगों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थितिओं को दर्शाता है। हार्टशोर्न की परिभाषा मानव व्यवहार को समझने में स्पेस (स्थान या क्षेत्र) के महत्व पर जोर देती है।

Advertisement

5 - डेविड हार्वे

ब्रिटिश भूगोलवेत्ता डेविड हार्वे सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किए गए अपने काम के लिए जाने जाते हैं। हार्वे के अनुसार, मानव भूगोल मानव जीवन को आकार देने वाले सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का अध्ययन है।

हार्वे का मानना था कि मानव भूगोल का उपयोग सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने तथा असमानता और उत्पीड़न के मुद्दों को संबोधित करने के लिए किया जाना चाहिए। हार्वे की मानव भूगोल की परिभाषा सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और असमानता को चुनौती देने में भूगोल की भूमिका पर जोर देती है।

Advertisement

6 - एडवर्ड सोजा

अमेरिकी भूगोलवेत्ता एडवर्ड सोजा भूगोल में क्रिटिकल ज्योग्राफी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं। सोजा के अनुसार, मानव भूगोल शक्ति, स्पेस (स्थान) और समाज के बीच संबंधों का अध्ययन है।

एडवर्ड सोजा का मानना था कि मानव भूगोल का उपयोग सत्ता और उसकी संरचनाओं को चुनौती देने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए किया जाना चाहिए। सोजा शक्ति को चुनौती देने और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में भूगोल की भूमिका पर जोर देते हैं।

Advertisement

अंततः

कहा जा सकता है कि, विभिन्न भूगोलवेत्ताओं ने मानव भूगोल को विभिन्न तरीकों से परिभाषित किया है, लेकिन सभी ने पृथ्वी पर मानव की गतिविधियों को आकार देने वाले प्रक्रियाओं और उससे उपजे पैटर्न को समझने समझाने का प्रयास किया है।

निष्कर्ष

स्वरूप कहा जा सकता है कि मानव भूगोल एक व्यापक अध्ययन का क्षेत्र है इसका दृष्टिकोण और अध्ययन की विधियाँ भी व्यापक हैं। प्रत्येक भूगोलवेत्ता ने मानव भूगोल के अध्ययन को एक अद्वितीय परिप्रेक्ष्य प्रदान किया है। निश्चय ही मानव भूगोल का अध्ययन मानव और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों को समझने में सहायक होता है।

Share

Advertisement

अन्य विषय

Unit - I

Advertisement

Advertisement

error: Content is protected !!