शाखाएँ
मानव भूगोल
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मानव भूगोल की शाखाएँ
मानव भूगोल मानव की गतिविधियों और पर्यावरण पर उनके प्रभाव का अध्ययन है। कुछ भूगोलवेत्ताओं के लिए यह मानव गतिविधि के स्थानिक संगठन का अध्ययन है। मूलतः यह विषय मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं से संबंधित है।
मानव भूगोल के अध्ययन का क्षेत्र बहुत एक व्यापक है। इसमें मानव व्यवहार, संस्कृति और पर्यावरण से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। मानव भूगोल को कई शाखाओं में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से प्रत्येक पर्यावरण के साथ मानवीय अंतःक्रिया के एक विशिष्ट पहलू पर केंद्रित है। प्रस्तुत निबंध मानव भूगोल की कुछ विभिन्न शाखाओं क विवरण प्रस्तुत करता है।
1- सांस्कृतिक भूगोल
सांस्कृतिक भूगोल मानव जीवन के सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित है। यह सांस्कृतियों के स्थानिक वितरण का अध्ययन करता है। यह सांस्कृतिक प्रथाओं; रीति-रिवाज, परंपरा और विश्वास का अध्ययन करता है, जो मानव व्यवहार को आकार देते हैं। सांस्कृतिक भूगोल के अंतर्गत सांस्कृतिक भिन्नताओं का भी अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत लोगों द्वारा भाषा, कला, संगीत, धर्म और सामाजिक संगठन जैसे विभिन्न तत्वों का अध्ययन किया जाता है, जिनके माध्यम से मानव अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाने का प्रयास करता है।
2- आर्थिक भूगोल
आर्थिक भूगोल मानव की आर्थिक गतिविधियों, उनके स्थानिक वितरण और प्राकृतिक पर्यावरण पर उनके प्रभाव के अध्ययन से संबंधित है। मानव भूगोल की यह शाखा विभिन्न कारकों, जैसे प्राकृतिक संसाधन, प्रौद्योगिकी, परिवहन और सरकारी नीतियां, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं उनका भी अध्ययन करता है। यह वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग और किसी क्षेत्र या देश की अर्थव्यवस्था पर उनके प्रभाव का भी अध्ययन करता है।
3- राजनीतिक भूगोल
राजनीतिक भूगोल राजनीति और भूगोल के बीच के संबंधों का अध्ययन है। यह राजनीतिक व्यवस्थाओं और उनके स्थानिक वितरण के अध्ययन से संबंधित है। यह उन विधियों का अध्ययन करता है जिनसे राजनीतिक सीमाएँ बनाई जाती हैं। मानव भूगोल की यह शाखा उन विधियों का भी अध्ययन करता है जिनसे राजनीतिक शक्ति वितरित होती है। यह इस पहलू का भी अध्ययन करता है जिसमें राजनीतिक शक्ति का उपयोग सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों को स्वरूप देने के लिए कैसे किया जाता है।
4- नगरीय भूगोल
नगरीय भूगोल का संबंध नगरों या शहरों और उनके स्थानिक वितरण के अध्ययन से है। मानव भूगोल की यह शाखा नगरीकरण की प्रक्रिया (शहरों के निर्माण) और उनके कार्य करने के तरीके का अध्ययन करता है। यह नगरीकरण का मानव गतिविधियों और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का भी अध्ययन करता है। यह शहरीकरण और नगरीयकरण के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों का भी अध्ययन करता है।
5- ऐतिहासिक भूगोल
ऐतिहासिक भूगोल भूतकाल की मानवीय गतिविधियां और वर्तमान पर उसके प्रभाव का अध्ययन है। विभिन्न समाज और संस्कृतियों में समय के साथ हुए परिवर्तन (विकस और बदलव) का संबंध ऐतिहासिक भूगोल के अध्ययन से है। यह उन तथ्यों या तत्वों का अध्ययन करता है जिनके कारण ऐतिहासिक घटनाओं और प्रक्रियाओं ने मानवीय पर्यावरण को आकार दिया है।
6- जनसंख्या भूगोल
जनसंख्या भूगोल जनसंख्या वितरण, घनत्व और प्रवास के प्रतिरूप (पैटर्न) के अध्ययन से संबंधित है। यह जनसंख्या वृद्धि और ह्रास का मानव की गतिविधियों और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करता है। मानव भूगोल की यह शाखा उन तथ्यों का भी अध्ययन करता है जिनमें जनसांख्यिकीय परिवर्तन, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों को प्रभावित करते हैं।
7- पर्यावरण भूगोल
पर्यावरण भूगोल, मानव और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच के संबंधों के अध्ययन से संबंधित है। यह मानव गतिविधियां के प्राकृतिक पर्यावरण पर प्रभाव का अध्ययन करता है। यह प्राकृतिक पर्यावरण का मानव गतिविधियों और मानव व्यवहार के ऊपर प्रभाव का भी अध्ययन करता है। मानव भूगोल की यह शाखा पर्यावरण परिवर्तन के मानव के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव का भी अध्ययन करता है।
8- सामाजिक भूगोल
सामाजिक भूगोल मानव जीवन के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं और उनके स्थानिक प्रतिरूप (पैटर्न) के अध्ययन पर केंद्रित है। इसमें सामाजिक पहचान, लिंग और वर्ग का अध्ययन शामिल है। यह उन सामाजिक और सांस्कृतिक कारकों का भी अध्ययन करता है जो स्थान और भूपरिदृश्य अर्थ प्रदान करते हैं। सामाजिक भूगोल शहरों और क्षेत्रों के सामाजिक और सांस्कृतिक भूदृश्य पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर भी अध्ययन केंद्रित करता है।
9- व्यवहारिक भूगोल
व्यवहारिक भूगोल मानव व्यवहार और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ उसके संबंधों का अध्ययन है। भूगोल की यह शाखा मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और नृविज्ञान से अंतर्दृष्टि प्राप्त करती है। मानव अपने परिवेश के साथ कैसे अंतरसंबंध स्थापित करते हैं और कैसे यह अंतरसंबंध उनके व्यवहार और अनुभवों को आकार देता है, यह व्यवहारिक भूगोल की विषय वस्तु है।
10- चिकित्सा भूगोल
चिकित्सा भूगोल रोग और स्वास्थ्य सुविधाओं के स्थानिक वितरण का अध्ययन है। यह स्वास्थ्य और रोग के पैटर्न का अध्ययन करता है। चिकित्सा भूगोल स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और उस तक पहुंच (अक्सेसीबिलिटी) सहित स्वास्थ्य परिणामों पर सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव का भी अध्ययन करता है। यह क्षेत्रीय भूगोल, महामारी विज्ञान और अन्य संबंधित विषयों से प्राप्त दृष्टिकोणों को सम्मिलित और एकीकृत करता है।
निष्कर्ष:
स्वरूप कहा जा सकता है कि, मानव भूगोल के अध्ययन का क्षेत्र विविध और गतिशील है जो मानव गतिविधियों, मानव व्यवहार और पर्यावरण से संबंधित विषयों और मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला को सम्मिलित (कवर) करता है। ऊपर वर्णित मानव भूगोल की शाखाएं मानव भूगोल के अध्ययन के कुछ उदाहरण हैं। मानव भूगोल की प्रत्येक शाखा इस बात पर अंतर्दृष्टि प्रदान करती है कि मनुष्य अपने पर्यावरण के साथ कैसे परस्पर अन्तःक्रिया करते हैं और कैसे यह अंतःक्रिया सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों को आकार देती हैं।
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